The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
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धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके shiv chalisa in hindi तन नहीं रहै कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र